8 November 2022

WISDOM -----

    एक  नवयुवक  एक  सिद्ध  महात्मा  के  आश्रम  में  आया  करता  था  l  महात्मा  उसकी  सेवा  से  प्रसन्न  होकर  बोले  ---- " बेटा  ! आत्म कल्याण  ही  मनुष्य  जीवन  का  सच्चा  लक्ष्य  है  और  इसे  ही  पूरा  करना  चाहिए  l "  यह  सुनकर   युवक  ने  कहा --- " महाराज  !  वैराग्य  धारण  करने  पर   मेरे  माता -पिता  कैसे  जीवित  रहेंगे  ?  मेरी  युवा  पत्नी  मुझसे  अत्यंत  प्रेम  करती  है  l  वह  मेरे  वियोग  में  मर  जाएगी  l "  महात्मा  बोले ---- "  कोई  नहीं  मरेगा  बेटा  !  यह  सब  दिखावटी  प्रेम  है  l  तू  नहीं  मानता  तो  परीक्षा  ले  ले  l  "  युवक  राजी  हो  गया  तो  महात्मा जी  ने  उसे  देर  तक  सांस  रोकना  सिखाया  l  युवक  ने  घर  जाकर  वही  किया  l  घर वाले  उसे  मरा  समझकर  हो -हल्ला  करने  लगे , रोने  लगे  l  पड़ोस  के  बहुत  से  लोग  इकट्ठे  हो  गए  , तभी  महात्मा जी  वहा  पहुंचे   और  बोले  --- " हम  इस  लड़के  को  जीवित  कर  देंगे  ,  पर  तुम  लोगों  को  कुछ  त्याग  करना  पड़ेगा  l " घर -परिवार  के  लोग  बोले  --- " हम  तैयार  हैं  ,  आप  इसे  जीवित  कर  दें  l "  महात्मा  बोले --- "  एक  कटोरा  दूध  लाओ  l "  दूध  आने  पर   महात्मा जी  ने  उसमें  एक  चुटकी  भस्म  डाली  ,  एक  मन्त्र  पढ़ा   और  बोले --- " जो  कोई  इस  दूध  को  पी  लेगा  वह  मर  जायेगा   और  यह  युवक  जीवित  हो  जायेगा  l "  अब  समस्या  यह  हुई  कि   दूध  कौन  पिएगा  l  माता -पिता  बोले  कहीं  वह  जीवित  न  हुआ  तो   एक  और   जान   व्यर्थ  में  जाएगी  l   पत्नी  बोली --- " इस  बार  जीवित  हो  जाएंगे  तो  क्या  ,  कभी  तो  मरेंगे  l "  अब  महात्मा  बोले  ---- " अच्छा  , मैं  ही  इस  दूध  को  पी  लेता  हूँ  l "  सभी  लोग  प्रसन्न  होकर  बोले  ---" महाराज  ! आप  धन्य  हैं  l  साधु -संतों  का  जीवन  परोपकार  के  लिए  है  l "  महात्मा  ने  दूध  पी  लिया  और  युवक  को  बोले --- " उठ  बेटा  !  ज्ञान  हो  गया  कि  कौन  तेरे  लिए  प्राण  देता  है  l  "  युवक  उठ  बैठा  ,  उसे  महात्मा जी  की  एक -एक  बात  अब  समझ  में  आ  गई  कि  इस  संसार  में  कोई  किसी  का  नहीं  है  ,  सब  स्वार्थ  के  रिश्ते -नाते  हैं   !  इसलिए  संसार  में  रहकर  केवल  अपना   कर्तव्य पालन  करो  l  किसी  से  कोई  मोह , कोई  उम्मीद  नहीं  रखो  l  सांसारिक  रिश्तों  के  प्रति  अपना  कर्तव्य  करते  हुए  अपना  एक  रिश्ता  भगवान  से  रखो  ,  केवल  मात्र  ईश्वर  ही  हैं  जो  हर  पल  और  हर  परिस्थिति  में  हमारा  साथ  देते  हैं  l  

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