क्रोध करने से बुद्धि का नाश होता है और फिर ये दुर्बुद्धि ग्रस्त व्यक्ति जो भी काम करता है उसके परिणाम नकारात्मक ही होते हैं l क्रोध कर के व्यक्ति सबसे ज्यादा अपना ही नुकसान करता है , अपनी बहुमूल्य ऊर्जा को व्यर्थ में ही गँवा देता है l एक कथा है ---- एक सांप को बहुत गुस्सा आया , उसने गरजना और फुफकारना शुरू कर दिया और कहा --- " मेरे जितने भी शत्रु हैं , आज उन्हें खाकर ही छोडूंगा l उनमें से एक को भी जिन्दा नहीं रहने दूंगा l " मेढ़क , चूहे , केंचुए और छोटे -छोटे जानवर उसके गुस्से को देखकर डर गए और छिपकर देखने लगे कि देखें आखिर क्या होता है ? सांप दिन भर फुफकारता रहा और दुश्मनों पर हमला करने के लिए दिन भर इधर -उधर बेतहाशा भागता रहा l फुफकारते -फुफकारते उसके गले में दरद होने लगा l शत्रु तो कोई हाथ नहीं आया , पर कंकड़ -पत्थरों की खरोंचों से उसकी सारी देह जख्मी हो गई l शाम होते -होते थकान से चकनाचूर होकर एक तरफ जा बैठा l गुस्सा करने वाला शत्रुओं से पहले अपने को ही नुकसान पहुंचाता है l
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