जब संसार में पाप बहुत बढ़ जाता है और उससे भी बढ़कर जब गलत कार्य करने वालों को समाज मान्यता देता है , उनको सम्मान देता है , उनसे संरक्षण प्राप्त करता है तब प्रकृति न्याय करती है l प्राकृतिक प्रकोप , आपदाएं , भूकंप , तूफान , महामारी आदि के विज्ञानं कितने भी कारण बताए लेकिन ये प्रकृति द्वारा दिया गया सामूहिक दंड विधान है l इसलिए हमारे ऋषियों ने सत्कर्म करने पर जोर दिया है l श्रेष्ठ कर्मों से , मन्त्र -जप आदि करने से प्रकृति को पोषण मिलता है और सत्कर्म ढाल बनकर व्यक्ति की रक्षा करते हैं l
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