23 September 2023

WISDOM -----

    संत  हरिदास  अपने  शिष्य  तानसेन   से  कह  रहे  थे  कि  यदि  ईश्वर  को  पाना  है  तो  अपने  अहंकार  को  मिटाना  होगा  l  बाबा  हरिदास  अपनी  आध्यात्मिक  अनुभूति   उन्हें  सुनाते  हुए  बोले ----" सुबह  मैंने  ध्यान  में  देखा  , राधारानी  श्रीकृष्ण  से  कह  रहीं   हैं  ---' कन्हैया !  यह  बाँसुरी  सदा  ही  तुम्हारे  ओंठों  से  लगी  रहती  है  ,  तुम्हारे  ओंठों  का  स्पर्श   इस  बांस  की  पोंगरी  को  इतना  अधिक  मिलता  है  कि  मुझे  जलन  होने  लगती  है  l '  राधारानी  की  बात  सुनकर  श्रीकृष्ण  खूब  जोर  से  हँसे   और  बोले  --- " राधिके  ! बाँसुरी  होना  सबसे  कठिन  है  , शायद    उससे  कठिन  और  कुछ  भी  नहीं  l  जो  स्वयं  को  बिलकुल  मिटा  दे  , वही  बाँसुरी  हो  सकता  है  l  यह  बांसुरी  बांस  की  पोंगली  नहीं   है  l  इसका  स्वयं  का  कोई  स्वर  नहीं  है  --- मैं  गाता  हूँ  तो  वह  गाती  है  ,  मैं  मौन  हूँ  तो  वह  मौन  है  , मेरा  जीवन  ही  उसका  जीवन  है  l "  

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