पुराण में अनेक कथाएं हैं l ये कथाएं बहुत संक्षिप्त में हैं लेकिन इनमे प्रत्येक युग के लिए कोई न कोई महत्वपूर्ण तथ्य अवश्य दिया गया है l गहराई से अध्ययन -मनन करने पर वह समझ में आता है l एक कथा है ---- एक राजा थे --महाराज ययाति l उनके जिंदगी के दिन पूरे हो गए तो यमराज उन्हें लेने पहुंचे l वे यमराज के आगे बहुत रोए और विनती करने लगे कि अभी तो मेरी इच्छाएं पूरी ही नहीं हुईं , मुझे कुछ समय का जीवन और दो ताकि मैं अपनी अतृप्त इच्छाओं को पूरा कर सकूँ l यमराज ने उन्हें बहुत समझाया कि ये सुख -भोग की कामनाएं कभी पूर्ण नहीं होतीं लेकिन ययाति तो रोते , गिडगिडाते रहे l यमराज को दया आ गई और उन्होंने कहा --- 'ठीक है , तुम अपने पुत्र से उनकी आयु के कुछ वर्ष मांग लो तो तुम्हे उतने वर्ष मिल जाएंगे और पुत्र की आयु में उतने वर्ष कम हो जाएंगे l ययाति के कई पुत्र थे , सबने अपने पिता को अपनी आयु देने से मना कर दिया , अंत में छोटे पुत्र को दया आ गई उसने अपनी आयु के सौ वर्ष अपने पिता को दे दिए l ययाति का स्वार्थ पूरा हुआ और वे भोग विलास में डूब गए l ऐसी कथा है कि ऐसा दस बार हुआ , हजार वर्षों तक सुख -भोग भोगने के बाद भी वे कभी तृप्त नहीं हुए l ---- इस कथा में एक महत्वपूर्ण बात यह है कि उस युग में लोगों में वीरता थी , वे अपनी कामना -वासना की पूर्ति के लिए समाज से छिपकर कोई कार्य नहीं करते थे , ययाति ने अपनी कमजोरियों को प्रत्यक्ष रूप से सबके सामने रखा और पुत्र से उसकी आयु मांग ली l कलियुग की सबसे बुरी बात यह है कि अब लोग समाज के सामने अच्छे बनते हैं ताकि उनके पीछे छिपी कालिख को कोई देख न सके l विज्ञानं ने इस छिपा -छिपी के खेल को और मजबूती दे दी l अब कोई सामने से आयु नहीं मांगता , अब एनर्जी वैम्पायर हैं l ये एनर्जी वैम्पायर किसी तरीके से या किसी एंटिटी की मदद से किसी की भी एनर्जी को खींच लेते हैं और उससे अपनी कामना -वासना महत्वाकांक्षा और अतृप्त इच्छाओं को पूरा करते हैं और एक अज्ञात तार से किसी अन्य को भी सप्लाई कर देते हैं l जिन्हें दूसरों की एनर्जी पर सुख -भोग का जीवन जीने की आदत पड़ जाती है , यदि किसी कारण से इसमें बाधा आ जाए तब श्रीमद् भगवद्गीता का कथन सत्य है ---- कामना में पूर्ति में बाधा से क्रोध की उत्पत्ति होती है और क्रोध से बुद्धि का विनाश ----- यह विपरीत बुद्धि क्या न कर दे कोई नहीं जानता l ये एनर्जी वैम्पायर मायावी असुर ही हैं जो भूत , प्रेत , पिशाच जैसी नकारात्मक शक्तियों को अपने वश में रखकर उनसे आसुरी कार्य कराते हैं और हा --हा कर के हँसते हैं l
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