16 January 2025

WISDOM -----

   जापान  का  एक  युवा  तीरंदाज  स्वयं  को  दुनिया  का   सबसे  बड़ा  धनुर्धर  मानने लगा  था  l  वह  जहाँ  भी  जाता  ,  लोगों  को  मुकाबले  की  चुनौती  देता   और  उस  मुकाबले  में  उनको  हराकर  उनका  खूब  मजाक  उड़ाता  l  एक  बार  उसने  एक  झेन  गुरु   बोकोशु  को  चुनौती  दी  l  गुरु  ने  चुनौती  स्वीकार  कर  ली  l  युवक  ने  स्पर्धा  प्रारम्भ  होते  ही  लक्ष्य  के  बीचोंबीच  निशाना  लगाया   और  पहले  ही  तीर  में  लक्ष्य  भेद  दिया  l  वह  झेन  गुरु  से  दंभ पूर्वक  बोला  ---- " क्या  आप  इससे  बेहतर  कर सकते  हैं  ? "   झेन  गुरु  मुस्कराए  और   उसे  ऐसे  स्थान  पर  ले  गए  ,  जहाँ  दो  पहाड़ियों  को  जोड़ने  के  लिए   लकड़ी  का  एक  कामचलाऊ  पुल  बना  था  l  उस  पर  कदम   रखते  ही  वह  चरमराने  लगा  l  बोकोशु  ने  उसे  पुल  पर  अपने  पीछे आने को  कहा  l  बोकोशु  ने  पुल  के  बीच  पहुंचकर   सामने  दूर  खड़े  एक  पेड़  के  तने  पर  निशाना  लगाया  l  इसके  बाद  उन्होंने  उस  युवक  से  निशाना  लगाने  को  कहा  ,  परन्तु  कई  बार  के  प्रयास  के  बाद  भी  वह  निशाना  न  लगा  सका  l   उसे  निराशा  में  डूबा  हुआ  देखकर  झेन  गुरु  ने  कहा --- " वत्स  !  तुमने  निशाना  लगाना  तो  सीख  लिया  ,  पर  मन  पर  नियंत्रण  करना  नहीं  सीखा  ,  जो  किसी  भी  परिस्थिति  में  शांत  रहकर   निशाना  साध  सके  l  "  युवक  को  बात  समझ  में  आ  गई  l  उसने  अब  अहंकार  छोड़कर  मन  को  साधने  का  प्रयास  आरम्भ  किया  l  

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