15 February 2025

WISDOM -----

  संसार  में  मनुष्य  कर्म  करने  को  स्वतंत्र  है  l  प्रत्येक  कर्म  का  परिणाम  अवश्य  होता  है  l  जब  कोई  कर्म  इस  भाव  से  किया  जाता  है   की  उसका  किसी  को  भी  पता  न  चले  ,  वह  गुप्त  रहे  l  ऐसे  में  यदि  वह   गुप्त  रूप  से  किया  गया  कोई  दान  है  , सेवा  कार्य  है   तो  उसका  सुफल  उस  व्यक्ति  को  अवश्य  मिलता  है  l  उसके  इस  पुण्य  कार्य  को  ईश्वर  ने  देखा  है  l  इसी  तरह  जब  कोई  व्यक्ति    समाज  से , सबसे  छिपकर  कोई  अपराध  करता  है  ,  तो  वह  निश्चिन्त  रहता  है  कि  उसे  किसी  ने  नहीं  देखा  ,  कहीं  कोई   सबूत   नहीं  है  इसलिए  दंड  से  बच  जायेगा   l  लेकिन  उसके  दुष्कृत्य  को  ईश्वर  ने  देखा  है   l  विशेष  रूप  से   जो  लोग  तंत्र ,  आदि  नेगेटिव   एनर्जी   की  मदद  से   दूसरों  को  सताते  हैं ,  अपने  अहंकार  के  पोषण  के  लिए  उनका  गलत  इस्तेमाल  करते  हैं   तो  पीड़ित  होने  वाला  समझ  नहीं  पाता  की  उसके  जीवन  में  बार -बार  बिना  वजह  आने  वाली  ऐसी  समस्याओं  का  कारण  क्या  है  l  ऐसे  अपराध  करने  वाले  कानून  से  तो  बच  जाते  हैं   लेकिन  उन्हें  इसका  हिसाब  कहीं  न  कहीं  अवश्य  चुकाना  पड़ता  है  l  मनुष्य  जागरूक  रहकर  ही  ऐसे  अपराधियों  को  पहचानकर   उनसे  बचाव  के  उपाय  कर  सकता  है  l  ऐसे  अपराध  कलियुग  में  व्यापार  है    क्योंकि  इस  युग  में  मनुष्य   दूसरों  को  खुश  देखकर  दुःखी  है  ,  अपनी  योग्यता  से  नहीं  , दूसरों  को  धक्का  देकर , गिराकर   आगे  बढ़ना  चाहता  है  l   हर  क्षेत्र  में  शार्टकट  से  सफलता  चाहता  है  ,  मेहनत  से  धन  कमाने  में  बहुत  समय  लगेगा  , नकारात्मक  शक्तियों  की  मदद  से   दूसरे  को  मिटाकर  व्यक्ति  सब  कुछ  हासिल  करना  चाहता  है  l  यह  सब   व्यक्ति  करता  तो  है  लेकिन  कहीं  न  कहीं  वह  स्वयं   भी  शिव  के  तृतीय  नेत्र  खुलने   से  भयभीत   रहता  है  l 

No comments:

Post a Comment