13 May 2025

WISDOM ----

   ईश्वर  ने  इस  स्रष्टि  की  रचना  की  l  उन्हें  यह  धरती  सबसे  अधिक  प्रिय  है  , वे  चाहते  हैं  कि  इस  धरती  पर  हरियाली  हो  खुशहाली  हो  l  अपनी  बनाई  इस  सुन्दर  रचना  को   ईश्वर  क्यों  नष्ट  करना  चाहेंगे  l  यह  तो  मनुष्य  है  जो  हमेशा  युद्ध  और  दंगों  की  बात  कर  के  ऐसी  नकारात्मकता  को  आमंत्रित  कर  लेता  है  l  शांति  और  सद्भाव  की  बात  करो  तो  शांति  आएगी  l  बड़ी  मुश्किल  से  मिले  इस  मानव  जीवन  को  मनुष्य  शांति  और  सुकून  से  जी  सकेगा  l  जब   तीसरे  विश्व  युद्ध  की  भविष्यवाणी  की  जाती  है  तो  क्या  मनुष्य  इतना  पागल  और  उन्मादी  हो  जायेगा  कि  सबके  साथ  स्वयं  को  और  अपने  ही  परिवार  को  समाप्त  कर  लेगा  ?  यदि  अभी  से  ऐसे  पागलपन  का  इलाज  कर  लें  ,  अहंकार  त्याग  दें ,  सब  मिलकर   अपने  हथियारों  को  समुद्र  में  फेंक  दें  ,  अपने  स्वार्थ  और  महत्वाकांक्षा  को  भूल  जाएँ  ,  जियो  और  जीने  दो  की  बात  करें   तो  युद्ध   शब्द  ही  शब्द  कोष  से  हट  जायेगा  l  यह  मनुष्य  के  हाथ  में  ही  है  कि  वह  अपना  भविष्य  वीरान  और  अंधकारमय  देखना  चाहता  है  या  खुशहाल  जिन्दगी  जीना  चाहता  है  l  मृत्यु  कभी  भेदभाव  नहीं  करती  ,  जो  सबसे  शक्तिशाली  है   या  सबसे  कमजोर  है  ,  एक  दिन  जाना  सबको  खाली  हाथ  है  l  मानव  जाति  का  इतिहास  युद्धों  का  ही  इतिहास  है  ,  यह  सब  देखकर  भी  मनुष्य  को  अक्ल  नहीं  आती  ,  बुद्धि  पर  ताला  लगा  है  l  इसलिए  अब  प्रकृति  दंड  देती  है  l    ईश्वर   भी  कहते  हैं   कि  हम  कहाँ  तक  अवतार  लें  ,  यह  मनुष्य  बिना  दंड  के  और  बिना  डंडे  के  नहीं  सुधरेगा  l  जब  भगवन  का  डंडा  पड़ेगा  तभी  चेतना  विकसित  होगी  , परिष्कृत  होगी   और  तब  अपने  मानव  जीवन  का  मूल्य  समझ  में  आएगा  l  जब  जीवन  का  अंत  आया  तब  सिकंदर  को  समझ  में  आया  कि  विश्व  विजेता  बनने  का  स्वप्न  लिए  वह  खाली  हाथ  जा  रहा  है  l  यदि  यह  समझ  पहले  ही  आ  जाती  तो  इतना  खून -खराबा  न  होता  l  अभी  भी  वक्त  है  , समय  रहते  जाग  जाओ  ,  फिर  अंत  में  पछताने  से  कुछ  नहीं  होता  l  

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