' समाज और राष्ट्र की सबसे मूल्यवान सम्पदा ऐसे व्यक्तित्व होते हैं , जो कर्तव्यों का निर्वाह हर कीमत पर करते हैं | '
सिद्धांतों और आदर्शों की कोरी बात करना एक बात है पर उनका पालन करना उतना ही कठिन और भिन्न बात है । समाज में आदर्शों और सिद्धांतों की चर्चा करने वालों की कोई कमी नहीं जो इन्हें वाक् - विलास और प्रतिष्ठा अर्जित करने का सरल माध्यम मानते हैं । पर ऐसे व्यक्ति स्वार्थ , लोभ और मोह का आकर्षण प्रस्तुत होते ही फिसलते , गिरते , अपनी गरिमा गंवाते हैं ।
जिन्हें आदर्शों के प्रति आस्था होती है वे इन क्षणिक आकर्षणों से प्रभावित नहीं होते , बड़े से बड़े प्रलोभन भी उन्हें डिगा नहीं पाते और वे अपनी न्याय प्रियता , कर्तव्य निष्ठां का परिचय देते हैं । ऐसे व्यक्तियों से ही समाज और देश गौरवान्वित होता है ।
सिद्धांतों और आदर्शों की कोरी बात करना एक बात है पर उनका पालन करना उतना ही कठिन और भिन्न बात है । समाज में आदर्शों और सिद्धांतों की चर्चा करने वालों की कोई कमी नहीं जो इन्हें वाक् - विलास और प्रतिष्ठा अर्जित करने का सरल माध्यम मानते हैं । पर ऐसे व्यक्ति स्वार्थ , लोभ और मोह का आकर्षण प्रस्तुत होते ही फिसलते , गिरते , अपनी गरिमा गंवाते हैं ।
जिन्हें आदर्शों के प्रति आस्था होती है वे इन क्षणिक आकर्षणों से प्रभावित नहीं होते , बड़े से बड़े प्रलोभन भी उन्हें डिगा नहीं पाते और वे अपनी न्याय प्रियता , कर्तव्य निष्ठां का परिचय देते हैं । ऐसे व्यक्तियों से ही समाज और देश गौरवान्वित होता है ।
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