25 November 2020

WISDOM ----

  श्रीमद् भगवद्गीता   में  भगवान  अर्जुन  को  अपनी  विशिष्ट  विभूतियों  के  बारे  में  बताते  हैं  l----   मर्यादा  पुरुषोत्तम  श्रीराम  को    भगवान   शस्त्र  धारण  करने  वालों  में   अपना  स्वरुप  बताते  हैं   l   भगवान  कहते  हैं -----  श्रीराम  अति  विनम्र , शिष्ट , मर्यादापूर्ण  हैं  l   वे  क्रोधित  भी  नहीं  होते  l   उनके  मन  में  न  तो किसी  के  लिए  हिंसा  है  ,  न  ईर्ष्या  ,  न  किसी  से  शत्रुता  ,  न  प्रतिस्पर्धा  l   वे  न  तो  किसी  को  दुःख  देना  चाहते  हैं   और  न  पीड़ा  पहुँचाना  चाहते  हैं  l   विध्वंसकारी  शस्त्र  भी  यदि   श्रीराम  के  हाथ  में  होंगे  ,  तो  वे  सृजन  का  ही  माध्यम  बनेंगे  l   इसलिए  श्रीराम  शस्त्रधारी  होने  पर  भी    मर्यादा  पुरुषोत्तम  हैं  ,  भगवान  हैं  l   वे  अतुलनीय  हैं  ,  मर्यादा  व  लोकहित  के  शिखर  हैं  l                                                                                          शस्त्र  यदि  रावण  के  हाथ  में  होंगे   तो  विनाश  तय  है    क्योंकि  उसके  भी  तर सिवाय  दुर्गुणों  के  ,  लोभ , लालच , कामुकता  ,  हिंसा  के  सिवाय   और  कुछ  नहीं  है  l   वह  अपने  शस्त्रों  का  जब  भी  प्रयोग  करेगा  ,  गलत  ही  करेगा  l   उसके  द्वारा  विनाश  के   सिवाय   अन्य  कुछ  भी  संभव  नहीं  है   l   गीता  का  शिक्षण  हर  युग  के  लिए  है  l   आज  संसार  में  आसुरी  शक्तियां  इतनी  प्रबल  होती  जा  रही  हैं  l   हमें  विवेकवान  होने  की  जरुरत  हैं  ,  हम  देखें  कि   हमारी  योग्यता  का  लाभ  कौन  उठा  रहा  है , हम  किसे  शक्तिशाली  बना  रहे  हैं -- राम  को  या  रावण  को  ?    यदि  हमें  तत्काल  लाभ  चाहिए   तो  निश्चित  है  कि  हम  असुरता  का  चयन  करेंगे  , फिर  उसका  परिणाम   चाहे जो  हो  l   ईश्वर  ने  हमें  चयन  की  स्वतंत्रता  दी  है  l   सही  मार्ग  का  चयन  करने  के  लिए  हम  ईश्वर  से  सद्बुद्धि  के  लिए  प्रार्थना  करें  l 

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