स्वामी विवेकानंद अपने परामर्श प्रसंगों में कहते हैं --- " ध्यान करना हो तो अपने कमरे का एक कोना सकारात्मक बना लें l सभी सिद्धों - महापुरुषों को नमन कर वहां आमंत्रित करें l उनके विचार - सूक्तियों में खो जाएँ l उस कोने में एक आसन या कुर्सी पर बैठकर जितना समय मिले , सकारात्मक भावनाएं बिखरायें l वे सभी लौटकर आएँगी l सारी उदासी दूर कर मन को प्रसन्न करेंगी और ध्यान को सशक्त बनाएंगी l कुछ न करें , बस द्वेषमुक्त व प्रसन्नचित्त चिंतन करते रहें l "
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