मनुष्य के अस्तित्व के लिए पेड़ - पौधे , पशु - पक्षी , वनस्पति , जल, वन आदि सभी कुछ अनिवार्य है l ' हम सब एक माला के मोती हैं l सबका हित , सबकी सुरक्षा और सब की ख़ुशी में ही स्वयं का आनंद है l -------- याकूब ने सुना था कि संत तालसुद पहुंचे हुए फकीर हैं l उनकी दुआ से दुःखी लोग भी आनंदित होकर लौटते हैं l याकूब उन्हें खोजता हुआ एक बियावान में जा पहुंचा l वहां पर उसने देखा कि वे संत एक टोकरी में दाना लिए चिड़ियों को चुगा रहे हैं और चिड़ियों की चहचहाहट ,व उनकी फुदकन के देखकर आनंदविभोर हो रहे थे l याकूब बहुत देर तक बैठा रहा , पर जब संत का ध्यान उसकी ओर नहीं गया तो वह झल्लाया l तालसुद ने उसे ऊँगली के इशारे से बुलाया और हाथ की टोकरी उसके हाथ में थमाते हुए कहा --- " लो अब तुम चिड़िया चुगाओ और उनकी प्रसन्न्ता देखकर स्वयं आनंद लो l " फिर थोड़ा गंभीर स्वर में बोले ---- " अपना दुःख भूलकर दूसरों को जहाँ तक संभव हो आनंद की अनुभूति दे पाना , उनके दुःख के क्षणों में स्वयं को उनका सहभागी बना लेना ही संसार की सबसे बड़ी सेवा है l मैंने जीवन भर यही किया , तुम भी यही करो और अपने जीवन को धन्य बनाओ l "
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