7 April 2024

WISDOM -----

   गुलाब  का  पौधा  एक  राजनीतिज्ञ   के  पास  कुछ  सीखने  के  उदेश्य  से  पहुंचा  l  राजनीतिज्ञ   ने  उसे  सिखाया  --- " जो  जैसा  व्यवहार  करता  है  , उसके  साथ  वैसा  ही  व्यवहार  करना  चाहिए  l  दुष्ट  के  साथ  दुष्टता  करना  ही  नीति  है  ,  यदि  ऐसा  न  किया  गया  तो   संसार  तुम्हारे  अस्तित्व  को  मिटाने  में  लग  जायेगा  l  "                गुलाब  ने  उस  राजनीतिज्ञ   की  बात  गाँठ  बाँध  ली  l  घर  लौटकर  आया   और  अपनी  सुरक्षा  के  लिए   काँटे  उत्पन्न  करने  लगा  ,  जो  कोई  उसकी  ओर  आता  ,  वह  काँटे  छेद   देता  l   कुछ  दिनों  बाद   उस  पौधे  को   एक   साधु  से  सत्संग  का  भी  अवसर  मिला  l  साधु  ने  उसे  बताया  ---- "   परोपकार  में  अपने  जीवन  को  खपाने  वाले  से  बढ़कर   सम्माननीय   कोई  दूसरा  नहीं  होता  l  "  परिणामस्वरूप   गुलाब   गुलाब  ने   उस  दिन  अपने  प्रथम  पुष्प  को  जन्म  दिया  l  उसकी  सुगंध  दूर -दूर  तक  फैलने  लगी  ,  जो  भी  पास  से  गुजरता  ,  कुछ  क्षण  के  लिए   उसके  सौन्दर्य  और  सुरभि  से  मुग्ध  हो  जाता  l  आज  गुलाब  ने  जो  सम्मान  पाया  वह  अपने  काँटों  के  बल  पर  नहीं   वरन  अपने   पुष्पों  के  सौन्दर्य  और  सुरभि  के  बल  पर  l  

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