जीवन में सफलता के लिए जागरूकता बहुत जरुरी है l पं . श्रीराम शर्मा आचार्य जी लिखते हैं ---- 'जीवन जीना एक तकनीक है , कला है l जो इसे जानता है , सही मायने में वही कलाकार एवं प्रतिभावान है l ' व्यक्ति पढ़ -लिख कर , शिक्षा प्राप्त कर उच्च पदों पर पहुँच जाता है लेकिन अपनी सामान्य सी जिन्दगी को चलाने के लिए नशा , शराब जैसे मादक द्रव्यों का सहारा लेता है l शांति और सुकून के साथ जीवन जीने के लिए बहुत बड़ी बातों की , सिद्धांतों की आवश्यकता नहीं होती l यदि मनुष्य कोई भी कार्य सोच -विचारकर विवेकपूर्ण ढंग से करे तो व्यर्थ की परेशानियों से बच सकता है l बहुत छोटी सी बात है --मनुष्य अपने स्वाद पर नियंत्रण रखे , बिना सोचे -विचारे कुछ न खाए -पिए तो अनेक समस्याओं से , बीमारी से बच सकता है l एक कथा है --- रेगिस्तान में एक काफिला जा रहा था l रास्ते में एक पेड़ पर बहुत से पके फल लगे थे l सबको भूख लगी थी , इसलिए फल खाने को दौड़े l काफिले के सरदार ने उन्हें रोका और कहा ---'अपने विवेक से काम लो l यदि ये उपयोगी होते तो पहले वाले काफिले ही इन्हें खाकर समाप्त कर देते l पक्षी ही इन्हें कुतर डालते l लेकिन ऐसा नहीं हुआ l ' फलों का परिक्षण करने पर पता चला कि वे जहरीले थे l विवेक से काम लेने से काफिले के प्राणों की रक्षा हुई l