' जो हमारे आदर्श सिद्धांतों को व्यवहारिक जीवन में जीना सिखाए, वही विद्दा है, शेष सब शिक्षा है |
जीवन में शिक्षा व विद्दा, दोनों की आवश्यकता है । '
कहते हैं अमेरिका के दिवंगत राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने अपने बच्चे को स्कूल भेजते समय प्रधानाध्यापक के नाम एक पत्र में लिखा ---- ' उसे पुस्तकों की अदभुत दुनिया के बारे में तो बताइए, लेकिन उसे आकाश में उड़ते पक्षियों, धूप में उड़ती मधुमक्खियों, तितलियों और हरी
पहाड़ियों पर खिले फूलों के बारे में भी जानने की जिज्ञासा जगाइए । स्कूल में उसे सिखाएं कि असफल होना बेइमानी करने से ज्यादा सम्मानजनक है । उसे सिखाइए कि वह अपने बल व बुद्धि का अधिकतम मूल्य लगाने पर कभी भी अपने ह्रदय और आत्मा की कीमत न लगाये । "
जीवन में शिक्षा व विद्दा, दोनों की आवश्यकता है । '
कहते हैं अमेरिका के दिवंगत राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने अपने बच्चे को स्कूल भेजते समय प्रधानाध्यापक के नाम एक पत्र में लिखा ---- ' उसे पुस्तकों की अदभुत दुनिया के बारे में तो बताइए, लेकिन उसे आकाश में उड़ते पक्षियों, धूप में उड़ती मधुमक्खियों, तितलियों और हरी
पहाड़ियों पर खिले फूलों के बारे में भी जानने की जिज्ञासा जगाइए । स्कूल में उसे सिखाएं कि असफल होना बेइमानी करने से ज्यादा सम्मानजनक है । उसे सिखाइए कि वह अपने बल व बुद्धि का अधिकतम मूल्य लगाने पर कभी भी अपने ह्रदय और आत्मा की कीमत न लगाये । "
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