' स्वार्थी , अनीतिवान तथा कायर व्यक्ति के पास छल - कपट के सिवाय और कोई सम्बल नहीं होता । ऐसे व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए शत्रुओं के प्रति तो बड़े सच्चे और वफादार रहते हैं , लेकिन अपने देश व समाज के लिए नहीं रह पाते । जिस सच्चाई और भक्ति का प्रमाण वे विपक्षियों का हित साधन में देते हैं , उसका प्रमाण यदि वे देश , धर्म तथा समाज के हित में दें तो उनका अधिक सम्मान और अधिक लाभ हो सकता है , उनका नाम इतिहास के उज्ज्वल पृष्ठों में लिखा जाये । पर जिनका जीवन गर्सित और संस्कार विकृत रहे होते हैं उनकी मनोगति इसी प्रकार विपरीत दिशा में रहती है । उन्हें शत्रुओं की चाटुकारी करने और अपनों को हानि पहुँचाने में ही सुख - सन्तोष अनुभव होता है । ऐसे ही दुर्भाग्य वाले व्यक्ति अपनाम पाकर इतिहास के कलंकित पृष्ठों में लिखे जाया करते हैं । '
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