हेनरी फोर्ड ने अपने अध्यवसाय से अपार धन अर्जित किया , उसका उपयोग जनकल्याण में किया तथा कभी उस पर गर्व नहीं किया उन्होंने जीवन जीकर बताया कि धन साध्य है साधन नहीं ।
विश्वयुद्ध के समय हेनरी फोर्ड ने मित्र राष्ट्रों की मदद की । अपने कारखाने अमेरिका सरकार के लिए खोल दिए । उसमे जल जहाजों का निर्माण होने लगा । युद्ध के समय कितनी ही मोटर गाड़ियाँ हेनरी फोर्ड ने अमेरिका सरकार को दीं । विनाश के बादल मंडराए तो वह अपनी सम्पदा को लोकहित में प्रयुक्त करने को आतुर हो उठे ।
हेनरी फोर्ड अंतर्राष्ट्रीय शांति के पक्षपाती थे वह नहीं चाहते थे कि कोई राष्ट्र अपने पास शस्त्रों का विशाल भंडार रखे l वे कहते थे शस्त्रों की होड़ मानव लिए हितकर नहीं है ।
उनमे सच्चे मानव के गुण थे । हेनरी फोर्ड के कारखाने में 18000 आदमी काम करते थे । उनमे अधिकांश अँधे, काने , लूले , लंगड़े , अपंग कर्मचारियों को अपने कारखाने में काम दिया l
उन्हें ईश्वर ने धन दिया था , उस धन को उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को रोजगार देने में लगाया ।
विश्वयुद्ध के समय हेनरी फोर्ड ने मित्र राष्ट्रों की मदद की । अपने कारखाने अमेरिका सरकार के लिए खोल दिए । उसमे जल जहाजों का निर्माण होने लगा । युद्ध के समय कितनी ही मोटर गाड़ियाँ हेनरी फोर्ड ने अमेरिका सरकार को दीं । विनाश के बादल मंडराए तो वह अपनी सम्पदा को लोकहित में प्रयुक्त करने को आतुर हो उठे ।
हेनरी फोर्ड अंतर्राष्ट्रीय शांति के पक्षपाती थे वह नहीं चाहते थे कि कोई राष्ट्र अपने पास शस्त्रों का विशाल भंडार रखे l वे कहते थे शस्त्रों की होड़ मानव लिए हितकर नहीं है ।
उनमे सच्चे मानव के गुण थे । हेनरी फोर्ड के कारखाने में 18000 आदमी काम करते थे । उनमे अधिकांश अँधे, काने , लूले , लंगड़े , अपंग कर्मचारियों को अपने कारखाने में काम दिया l
उन्हें ईश्वर ने धन दिया था , उस धन को उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को रोजगार देने में लगाया ।
No comments:
Post a Comment