' कन्फ्यूशियस ने जनता को जन्म , जीवन तथा मरण की पहेलियों में उलझाने के बजाय मानव जीवन को कलापूर्ण ढंग से जीने का सन्देश दिया । उन्होंने यह बताया कि यह जो मानव जीवन मिला है उसे सच्चे अर्थों में किस प्रकार सार्थक और सफल बनाया जाये । '
उनका कहना था मनुष्य जो कुछ कहे अथवा सोचे उसे अपने व्यवहारिक जीवन में लागू करे ।
अपने जीवन में किन्ही ऊँचे आदर्शों की स्थापना करके अपने जीवन को न चलाना सबसे बड़ी आत्म प्रवंचना है । क्योंकि कोरा आदर्शवादी बकता बहुत है किन्तु करता कुछ नहीं ।
अपने वाकजाल में सर्व साधारण को फांस कर उन्हें राह तो दिखाता है किन्तु स्वयं उस मार्ग पर नहीं चलता l बुद्धि कौशल से पथ प्रदर्शक बन जाने से वह अपनी चतुरता की रक्षा में लगा रहने से अपना आत्मिक सुधार नहीं कर पाता l
उनकर उपदेशो में सच्ची नागरिकता और अनुशासन के दर्शन पाकर तात्कालिक चीन सरकार ने उनकी कार्य कुशलता का लाभ उठाने और जन कल्याण करने के लिए उन्हें चुंगट नगर का गवर्नर बना दिया कन्फ्यूशियस ने एक अच्छे शासन की स्थापना की ---- कर से प्राप्त धन राशि को जनहित कार्यों में लगाकर सड़क , पुल , पाठशाला एवं पुस्तकालय आदि का निर्माण कराया ।
जनता में समानता तथा सुख - संतोष की स्थापना के लिए उन्होंने धनवानों को इतना शक्तिशाली होने से रोका कि आगे चलकर वे शासन पर हावी होकर गरीब जनता का शोषण करने में समर्थ एवं निर्भय न हो जाएँ l उनकी सफल और शांतिमय शासन व्यवस्था में धनी - निर्धन , ऊँच - नीच सब संतुष्ट थे । कन्फ्यूशियस दार्शनिक और आध्यात्मिक व्यक्ति होने के नाते विरक्त भाव से रहते थे , किन्तु समाज में फैली भ्रष्ट परम्पराओं के प्रति उदासीन नहीं थे । वे जहाँ भी अहितकर प्रवृतियों को चलता देखते , वहीँ पहुँच जाते और सुधार का प्रयत्न किया करते ।
उनका कहना था मनुष्य जो कुछ कहे अथवा सोचे उसे अपने व्यवहारिक जीवन में लागू करे ।
अपने जीवन में किन्ही ऊँचे आदर्शों की स्थापना करके अपने जीवन को न चलाना सबसे बड़ी आत्म प्रवंचना है । क्योंकि कोरा आदर्शवादी बकता बहुत है किन्तु करता कुछ नहीं ।
अपने वाकजाल में सर्व साधारण को फांस कर उन्हें राह तो दिखाता है किन्तु स्वयं उस मार्ग पर नहीं चलता l बुद्धि कौशल से पथ प्रदर्शक बन जाने से वह अपनी चतुरता की रक्षा में लगा रहने से अपना आत्मिक सुधार नहीं कर पाता l
उनकर उपदेशो में सच्ची नागरिकता और अनुशासन के दर्शन पाकर तात्कालिक चीन सरकार ने उनकी कार्य कुशलता का लाभ उठाने और जन कल्याण करने के लिए उन्हें चुंगट नगर का गवर्नर बना दिया कन्फ्यूशियस ने एक अच्छे शासन की स्थापना की ---- कर से प्राप्त धन राशि को जनहित कार्यों में लगाकर सड़क , पुल , पाठशाला एवं पुस्तकालय आदि का निर्माण कराया ।
जनता में समानता तथा सुख - संतोष की स्थापना के लिए उन्होंने धनवानों को इतना शक्तिशाली होने से रोका कि आगे चलकर वे शासन पर हावी होकर गरीब जनता का शोषण करने में समर्थ एवं निर्भय न हो जाएँ l उनकी सफल और शांतिमय शासन व्यवस्था में धनी - निर्धन , ऊँच - नीच सब संतुष्ट थे । कन्फ्यूशियस दार्शनिक और आध्यात्मिक व्यक्ति होने के नाते विरक्त भाव से रहते थे , किन्तु समाज में फैली भ्रष्ट परम्पराओं के प्रति उदासीन नहीं थे । वे जहाँ भी अहितकर प्रवृतियों को चलता देखते , वहीँ पहुँच जाते और सुधार का प्रयत्न किया करते ।
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