16 June 2021

WISDOM ------

   फारस  का  बादशाह  नौशेरवाँ   स्वयं  पारसी  धर्म  को  मानने   वाला  था  किन्तु  उसने  अपने  राज्य  में   ईसाई ,  यहूदी , हिन्दू  सब   मजहब  वालों  को  स्वतंत्रता  दे  रखी   थी   l   नौशेरवाँ   ने  बहुत  सी   संस्कृत  की  पुस्तकों  का  अनुवाद   ईरान  की  भाषा  में  कराया  था   l   एक  बार  फारस  में  गीदड़ों  की  संख्या   अधिक  हो  गई  और  उससे  लोगों  को  तकलीफ  होने  लगी   l   नौशेरवाँ   ने  प्रधान  गुरु  को  बुलाकर   इसका  कारण  पूछा  l   तब  गुरु  ने  कहा  ----- "   जब  किसी  देश  में  अन्याय   होने  लगता  है   तो  गीदड़  बढ़  जाते  हैं  l   तुम  पता  लगाओ  कि   तुम्हारे  राज्य  में  कहीं  अन्याय  तो  नहीं  हो  रहा  है  l  "  नौशेरवाँ   ने  उसी  समय  इसकी   जाँच  करने  के  लिए  सुयोग्य  न्यायधीशों  की   एक  कमेटी   नियुक्त  की  l   उससे  मालूम  हुआ  कि   कितने  ही  प्रांतीय  शासक  प्रजा  पर  अन्याय  करते  हैं  l   नौशेरवाँ   ने  उन  सबको   दंड  देकर   सर्वत्र  न्याय  की  स्थापना  की   l 

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